योजना – 2017 (सिक्योर हिमालय, सम्पूर्ण बीमा ग्राम योजना, सौभाग्य योजना)
‘सिक्योर हिमालय’ परियोजना
केन्द्र सरकार ने 2 अक्टूबर, 2017 को ‘सिक्योर हिमालय’ परियोजना की शुरूआत की. परियोजना का शुभारम्भ केन्द्रीय पर्यावरण एवं वन मन्त्री डाॅ. हर्षवर्द्धन ने किया. संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के सहयोग से इन राज्यों के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में चलने वाली ‘सिक्योर हिमालय’ परियोजना की शुरूआत की.
प्रमुख तथ्य-
- यह परियोजना 6 वर्षों के लिए चलाई जा रही है.
- परियोजना के अन्तर्गत चांगधांग (जम्मू-कश्मीर), लाहौल-पंगी और किन्नौर(हिमांचल प्रदेश), गंगोत्री-गोंविद और पिथौरागढ़ में दर्म व्यास घाटी(उत्तराखण्ड) और कंचनजंगा-ऊपरी तीस्ता घाटी (सिक्किम) को लाभान्वित किया जाएगा.
- परियोजना में उत्तराखण्ड में गंगोत्री पार्क एवं गोंविद वन्यजीव विहार से लेकर अस्कोट अभयारण्य के उच्च हिमालयी क्षेत्रों को शामिल किया गया है.
- हिमालयी क्षेत्रों में जैव-विविधता के साथ-साथ हिम-तेन्दुओं समेत दूसरे वन्य जीवों के संरक्षण हेतु कदम उठाए जाएंगे.
- परियोजना के प्रथम चरण में जड़ी-बूटी व फलोत्पादन तथा टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए रोजगारपरक कार्यक्रम चलाए जाएंगे.
सम्पूर्ण बीमा ग्राम योजना
केन्द्रीय संचार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनोज सिन्हा ने 13 अक्टूबर, 2017 को ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों को किफायती जीवन बीमा सेवाएं प्रदान करने के लिए ‘सम्पूर्ण बीमा ग्राम योजना’ का शुभारम्भ किया.
प्रमुख तथ्य-
- योजना का प्राथमिक उद्देश्य सम्पूर्ण बीमा ग्राम के लिए चिन्हित गाँव के सभी आवासों को कवर करना है.
- योजना के तहत् देश के प्रत्येक राजस्व जिले में कम-से-कम एक गाँव को चिन्हित किया जाएगा.
- प्रत्येक पाॅलिसी से कम-से-कम एक ग्रामीण डाक जीवन बीमा के साथ्र चिन्हित गाँव के सभी घरों को कवर करने का प्रयास किया जाएगा.
- सांसद आदर्श ग्राम योजना के अन्तर्गत आने वाले सभी गाँव इसकी सीमा में लाए जाएगें.
- डाक जीवन बीमा के ग्राहकों की संख्या बढ़ाने की योजना के अन्तर्गत अब यह निर्णय लिया गया है कि पीएलआई के लाभ केवल सरकारी और अर्द्धसरकारी, कर्मचारियों तक ही सीमित नहीं होंगे, बल्कि यह डाॅक्टरों, इंजीनियरों, प्रबन्धन सलाहकारों, चार्टर्ड एकाउन्टेंट, वास्तुकारों, वकीलों, बैंककर्मियों, जैसे पेशेवरोंऔर एनएसई तथा बीएसई के कर्मचारियोंके लिए भी उपलब्ध होंगे.
- यह फैसला सामाजिक सुरक्षा कवरेज को बढ़ाने और अधिकतम संख्या में लोगों को डाक जीवन बीमा के तहत् लाने के लिए किया गया है.
सौभाग्य योजना
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 25 सितम्बर, 2017 को प्रधानमन्त्री सहज बिजली हर घर योजना-सौभाग्य योजना की घोषणा की. 16.320 करोड़ की इस योजना के तहत् देश के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के सभी निर्धन परिवारों को निःशुल्क तथा अन्य परिवारों को 500 रूपये के भुगतान पर विजली कनेक्शन दिया जाएगा. इसका लक्ष्य दिसम्बर 2018 के अन्त तक देश के सभी घरों तक बिजली पहुँचाना है. भारत में ऐसे गाँवों को विद्युतीकृत माना जाता है, जहाँ-
- कम-से-कम 10 प्रतिशत परिवारों में बिजली की आपूर्ति हो.
- विद्यालय, पंचायत कार्यालय, स्वास्थ्य केन्द्र, चिकित्सालय एवं सामुदयिक केन्द्रों जैसे सार्वजनिक स्थलों तक बिजली हो.
प्रमुख तथ्य-
- कुल लागत 16.320 करोड़ जिसमें से बजटीय सहायता 12,320 करोड़.
- इसमें केन्द्र सरकार 60 प्रतिशत की मदद करेगी. विशेष दर्जा प्राप्त राज्यों के लिए केन्द्र से 85 प्रतिशत मदद दी जाएगी.
- योजना में 10 प्रतिशत योगदान राज्य सरकारों का होगा. बाकी का 30 प्रतिशत वित्त पोषण वित्तीय संस्थाओं और बैंकों से कर्ज लेकर होगा.
- सौभाग्य योजना के तहत् उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा, झारखण्ड, राजस्थान, मध्यप्रदेश, जम्मूकश्मीर और पूर्वोत्तर राज्यों पर फोकस किया गया है.
- ग्रामीण क्षेत्रों के लिए परिव्यय 14,025 करोड़ (बजटीय सहायता 10,587.50 करोड़).
- शहरी क्षेत्रों के लिए परिव्यय 2,295 करोड़ (बजटीय सहायता 1,732.50 करोड़).
- लाभार्थियों के चयन का आधार सामाजिक, आर्थिक एवं जाति जनगणना 2011 के आँकड़े होंगे.
- दूरदराज एवं दुर्गम पहुँच वाले क्षेत्रों में 200 से 300 ूच के पाॅवर पैक-बैटरी बैंक के साथ प्रत्येक परिवार को उपलब्ध कराए जाएंगे. साथ में पाँच एलईडी बल्ब, एक डीसी पंखा, एक डीसी पाॅवर प्लग भी उपलब्ध कराया जाएगा.
- ग्रामीण विद्युतीकरण निगम लि. सारे देश में योजना के क्रियान्वयन हेतु नोडल एजेन्सी है.